कार्यरत माता- पिता की समस्यायेंय उनके बच्चों के विकास का अद्यतन अध्ययन

Authors

  • रंजना सिंह समाजशास्त्र विभाग, जवाहर लाल नेहरू मेमओरियल पी. जी. कॉलेज, बाराबंकी राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी, अयोध्या
  • सीता राम सिंह समाजशास्त्र विभाग, जवाहर लाल नेहरू मेमओरियल पी. जी. कॉलेज, बाराबंकी राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी, अयोध्या

DOI:

https://doi.org/10.5281/zenodo.13751471

Keywords:

समाजीकरण, सामंजस्य, पारिवारिक संरचना, मूल्यों का विकाश, मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण

Abstract

यह लेख लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों, स्थानों, संघटनों में कार्यरत माता पिता के बच्चों के विकास और समाजीकरण तथा समच्छ आने वाली समस्याओं के बारे में जानना और उनकी कार्यप्रणाली की जाँच से संबंधित है. प्रमुख समस्या समयाभाव की रहती है जिसका जिक्र प्रतेक माता पिता करते हैं. परंतु अगर दोनों आपस में सूझ- बुझ के साथ अपने कामों को संपादित करें तो ज्यादा समस्या नहीं होगी. इसके बाद अगर एक छुट्टी ले तो दूसरा काम पर जाए, फिर दूसरा छुट्टी ले तो पहला काम करने जाए, इस तरह काम करने से दोनों को समस्या नहीं होगी,और बच्चे का पालन पोषण अच्छे से होगा. इसमें परिवार का भी सहयोग बहुत जरूरी है, परिवार के सानिध्य में बच्चों का विकास और समाजीकरण सही दिशा में होता है.

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Published

2024-03-01

How to Cite

सिंह र., & सिंह स. र. (2024). कार्यरत माता- पिता की समस्यायेंय उनके बच्चों के विकास का अद्यतन अध्ययन. International Journal of Science and Social Science Research, 1(4), 197–200. https://doi.org/10.5281/zenodo.13751471

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