माध्यमिक शिक्षा के विकास की वर्तमान स्थिति: चुनौतिया और अवसर
DOI:
https://doi.org/10.5281/zenodo.15570075Keywords:
एकीकृत माध्यमिक शिक्षा, शैक्षणिक गुणवत्ता की कमी, विद्यालयों की संख्या में वृद्धि, सरकारी शिक्षा योजनाएँ, सामाजिक सहभागिता, प्रौद्योगिकी का उपयोगAbstract
यह लेख भारत में एकीकृत माध्यमिक शिक्षा (माध्यमिक ‘िा{ाा) की वर्तमान स्थिति, उपलब्धियों, चुनौतियों और सुधार की संभावनाओं पर केंद्रित है। लेख में बताया गया है कि 1950-51 में जहाँ केवल 7,416 माध्यमिक विद्यालय थे, वहीं 2021-22 तक यह संख्या बढ़कर 12,766 हो गई है। छात्र संख्या, विशेष रूप से लड़कियों की भागीदारी, में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
इसके बावजूद शिक्षा की गुणवत्ता में अभी भी भारी गिरावट देखी जा रही है। पाठ्यक्रम की अप्रासंगिकता, अपर्याप्त संसाधन, शिक्षकों की कमी, छात्रों की अनुपस्थिति, आधारभूत सुविधाओं का अभाव जैसे अनेक कारण माध्यमिक शिक्षा की कमजोरी के पीछे जिम्मेदार हैं।
सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई गई हैं जैसेकृ
ऽ कन्या शिक्षा योजना
ऽ राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA)
ऽ सुकन्या समृद्धि योजना
ऽ छात्रवृत्ति योजनाएँ
इनका उद्देश्य शिक्षा को सभी के लिए सुलभ और उपयोगी बनाना है।
लेख में यह भी सुझाया गया है कि गुणवत्ता सुधारने के लिए हमें नवाचारी शिक्षण पद्धतियाँ, तकनीकी उपकरणों का प्रयोग, और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना होगा।
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