बिहार में समावेशी शिक्षा की स्थिति

Authors

  • MD ASHRAF PERWEZ Department of Education from Indira Gandhi National Open University

DOI:

https://doi.org/10.5281/zenodo.13375541

Keywords:

समावेशी, संवेगिक, बुद्धिलब्धि, आमूलचूल, विशिष्ट, दिव्यांग

Abstract

वर्तमान समय मे समावेशी शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है|समावेशी शिक्षा, शिक्षण की ऐसी प्रणाली है जहाँ समान्य बच्चो के साथ विशिष्ट बालको को एक साथ शिक्षा मुहैया करायी जाती है |विशिष्ट बालको से तात्पर्य है जिसकी बुद्धिलब्धि समान्य औसत से कम हो|विशिष्ट बालक के बच्चे समान्यत: दृष्टि, श्रवण एवम अधिगम अक्षमता तथा मानसिक मंदता और बाधिरधता से ग्रस्त होते है|समावेशी शिक्षा देने का तातपर्य समान्य बालक के साथ विशिष्ट बालक को भी विधालय से जोड़ा जाए तथा सभी बालको को एक साथ शिक्षा प्रदान की जाए ताकि विशिष्ट बालक को भी आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्राप्त हो एवंम समाज की मुख्यधरा मे शामिल हो सके|शिक्षण की इस नवीन प्रणाली से समान्य बच्चे तो लाभांवित तो होते ही है तथा इससे ज्यादा विशिष्ट बालक जो अपने आप को समाज के पिछले पायेदान मे होने को समझते है, वे भी इस शिक्षण प्रणाली से अपने आप की महत्वा को समझते है तथा समाज के अभिन्न अंग में अपने आप को पाते है|भारत की आजादी मिलने के बाद जितने भी शिक्षा नीति आई सभी मे शिक्षा की तो बात की गई लेकिन समावेशी शिक्षा की तरफ शिक्षाविद्धो की ध्यान ज्यादा नही जा सकी जिसके परिणामस्वरूप देश में समान्य बालको तो शिक्षित हुए लेकिन विशिष्ट बालको की शिक्षा की मनोदशा में व्यापक परिवर्तन नही आ सका|जब देश में ऐसा हाल रहा तो बिहार समावेशी शिक्षा देने में कैसे आगे हो सकता था|बिहार में तो शाक्षरता दर वैसे ही पूरे भारत की सभी राज्यों में सबसे पिछले पायदान पे है जहाँ समान्य बालक की शिक्षा व्यवस्था उतना अच्छा नही हो सका तो विशिष्ट बालको की शिक्षा व्यवस्था तो दूर की बात है|जिसका परिणाम यह हुआ की बिहार मे विशिष्ट बालको की शिक्षा की स्थिति बहुत दयनीय हो गई|लेकिन पिछले दो- तीन दशक से बिहार की शिक्षा व्यवस्था मे आमूलचूल परिवर्तन आया है।यहाँ के बच्चे एवम समाज के सभी तबके के लोग शिक्षा के प्रति सनवेदंशील हुए है एवम शिक्षा की स्थिति मे व्यापक परिवर्तन आया है, जाहिर सी बात है जब समाज जागरूक होगा तो सामाजिक भेद-भाव कम होंगे एवम समान्य बालको के साथ विशिष्ट बालको की भी शिक्षा मनोदशा मे वृद्धि हुई है तथा सभी बालको को समावेशी शिक्षा में शामिल करते हुए उनके देश-विदेश तथा समाज मे अपनी सकरात्मक भूमिका निभाने की कोशिस की जा रही हैं।

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Published

2023-09-30

How to Cite

PERWEZ, M. A. (2023). बिहार में समावेशी शिक्षा की स्थिति. International Journal of Science and Social Science Research, 1(2), 91–93. https://doi.org/10.5281/zenodo.13375541
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